इंफ्रारेड लाइट में दिखी तारों की फैक्ट्री, नहीं तो छिपा ही रहता ब्रह्मांड का यह राज

Science News: NASA के वैज्ञानिकों ने करीब 5,500 प्रकाश वर्ष दूर, ड्रैगन के आकार का धूल का गुबार देखा है. नई तस्वीर में यह गुबार तारों के साथ उड़ता हुआ महसूस होता है. विजिबल लाइट में यह आकृति कहीं गायब हो जाती है. यह गुबार Messier 17 नेबुला (Omega

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Science News: NASA के वैज्ञानिकों ने करीब 5,500 प्रकाश वर्ष दूर, ड्रैगन के आकार का धूल का गुबार देखा है. नई तस्वीर में यह गुबार तारों के साथ उड़ता हुआ महसूस होता है. विजिबल लाइट में यह आकृति कहीं गायब हो जाती है. यह गुबार Messier 17 नेबुला (Omega Nebula or Swan Nebula) के पास स्थित है जिसका पता वैज्ञानिकों को इंफ्रारेड लाइट से चला. NASA के रिसर्चर्स ने स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कोप की खींची तस्वीर को इंफ्रारेड लाइट में देखा. तब उन्हें M17 SWex नाम के इस डार्क क्लाउड का पता चला. यहां पर बेहद तेज गति से तारों का निर्माण हो रहा है. अभी तक यहां सबसे विशालकाय तारे नहीं बने हैं जिन्हें O तारे कहा जाता है. हालांकि, तारों के बनने की वजह से M17 नेबुला चमक उठता है, उस चमक को आप नीचे तस्वीर के केंद्र में देख सकते हैं. स्पिट्जर टेलीस्कोप की इंफ्रारेड फोटो से गैस और धूल के भीमकाय 'बबल' का भी खुलासा हुआ जो M17 के बाएं किनारे पर मौजूद है.

स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कोप ने यह फोटो मई 2009 में अपना लिक्विड कंटेंट खत्म होने से पहले खींची थी. इसके साथ ही उसने अपना वार्म मिशन शुरू कर दिया था. अब रिटायर हो चुके टेलीस्कोप की फोटो के इंफ्रारेड वर्जन ने हमें ब्रह्मांड के इस रहस्य से रूबरू कराया है.

This dragon’s lair isn’t filled with a treasure hoard. Instead, infrared light revealed that this region is filled with young stars. These stars might have remained hidden if it weren’t for the now-retired Spitzer Space Telescope. https://t.co/YkovmlANmq #ColorWheelChallenge pic.twitter.com/H8dnKZT1HO

— NASA Universe (@NASAUniverse) May 1, 2024

वैज्ञानिकों के अनुसार, M17 SWex की लंबाई करीब 160 प्रकाश वर्ष है. एस्ट्रोनॉमर्स ने धनु नक्षत्र में मौजूद इस क्लाउड की खोज कोई चार दशक पहले की थी. लेकिन इसके भीतर क्या-क्या छिपा है, उसका पता स्पिट्जर के इंस्ट्रुमेंट्स से चला. M17 SWex के बाईं तरफ M17 मौजूद है. NASA के मुताबिक, इस क्षेत्र में मौजूद तारे और गैस अब मिल्की वे की स्पाइरल आर्म से गुजर (दाएं से बाएं की ओर बढ़ते हुए) रहे हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार, समय के साथ यह इलाका भी M17 नेबुला की तरह चमक उठेगा.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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